टाटा समूह में काम करने वाले साइंटिस्ट भारत की स्वतंत्रता के पहले से ही आत्मनिर्भर भारत मिशन पर काम कर रहे हैं. दरअसल 1939 में विश्व युद्ध के दौरान हमारे देश से कई लड़ाकू कारें और युद्धक स्टील एक्सपोर्ट हो रही थी. इसमें सबसे बड़ा हाथ टाटा समूह का था. उस समय कंपनी ने एक बख्तरबंद कार का निर्माण किया था जिसे टाटानगर कहा गया था. हर महीने 1000 टन आर्मर प्लेट का निर्माण हो रहा था.
from Latest News कार News18 हिंदी https://ift.tt/dhpKDAu
from Latest News कार News18 हिंदी https://ift.tt/dhpKDAu
Comments
Post a Comment