'Looop Lapeta' Film Review: फिल्म की कहानी और उसकी परतों में बहुत कुछ छिपाया गया है. एक जर्मन फिल्म में सत्यवान-सावित्री की कथा कैसे पिरोयी गयी है, इसको समझने का अपना ही मज़ा है. सत्यजीत (ताहिर) और सवीना बोरकर (तापसी) यानी सत्या और सावी यानी सत्यवान और सावित्री. जेंडर स्टीरियोटाइप का मज़ाक उड़ाते हुए ताहिर को सावित्री का किरदार करने को मिलता है. लूप लपेटा मस्ती से भरी फिल्म है, शहरी दर्शकों के लिए. गोवा में बसी है लेकिन सुसेगाद नहीं है. चाल मस्तानी है, और स्टोरी टेलिंग का अंदाज़ भी बेपरवाह मस्ती से भरा है. फिल्म को थोड़ा ध्यान से देखिये तो शायद छुपे हुए कुछ मज़ेदार किस्से नज़र आ जायेंगे.
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